ट्रस्ट ने इमामशाह बाबा के मजार पर दुसरे नाम का बेनर लगाया तो सादातों ने किया आमरण अनशन जिसके बाद हटाये गये बेनर
पीराणा, दस्क्रोई, गुजरात : किसी भी मामले में ताकतवर के सामने झुकने के बजाय अगर गांधीजी के बताये हुये अहिंसा के रास्ते को अपनाया जाये तो आप की जीत जरुर हो सकती है। अैसा ही अहिंसा ओर शांतिपूर्ण तरीके से अपनी सच बात को मनवाया अहमदाबाद से कुछ 7-8 किलोमीटर की दुरी पर स्थित हजरत इमामशाह बाबा के वंशजों ने ।

पीराणा दरगाह गुजरात की इक अैसी धार्मिक जगह है जिस के ट्रस्टी गैर मुस्लिम ज्यादा है ओर सय्यद मुस्लिम(इमामशाह बाबाके वंशज) कम है क्युँकि बरसों से हिंदु समुदाय का इक तबका जो अपने आप को सतपंथी कहलाता है उसने अपना हक्क यहाँ घोषित किया हुआ है ओर मामला कोर्ट कचहरी में चल रहा है। दो-तीन दिन पहले ट्रस्ट के लोगों ने मजार पर इक अलग ही नाम का बेनर लगा दीया जिस के बाद मामला गरमा गया।

इमामशाही सादात जो पीराणा गाँव में ही रहते है ओर इन्हें बरसों से दरगाह ट्रस्ट की तरफ से इनके दरगाह पर हक्क होने की बिना पर कुछ खेती से पकनेवाना धान भी दीया जाता रहा है। कुछ साल पहले दरगाह से सट कर आयी हुई मस्जिद के पास से ट्रस्ट ने कम्पाउन्ड वोल बना दी है जिसके चलते अब सादात अपने मोहल्लें से सीधे इमामशाह बाबा की दरगाह पर नहीं आ सकते ओर उन्हें घुम कर आना पडता है। इस बात को ले कर भी सय्यद ट्रस्ट से नाराज है। News 5 से बात करते हुए इक व्यस्क नागरिक ने कहा कि दरगाह की आमदनी बहुत है जिसको ले कर ट्रस्टीयों की दानत खराब है।

हजरत इमामशाह बाबा के मजार पर दुसरे नाम का बेनर लगते ही मामला शुक्रवार को गरमाया रहा जिसमें प्रशासन ने भारी पुलीस बल को भी तैनात कीया जिसमें आला अधिकारी भी थे। इमामशाह बाबा के वंशजो में से 25 लडकें आमरण अनशन पर बैठ गये तो दुसरी तरफ महिलाओं ने भी जम कर धरणां प्रदर्शन कीया।

इमामशाह बाबा के वंशजों में से इक महिला ने हमें बताया कि दरगाह ट्रस्ट हँमेशा ताकत के बलबुते पर अपनी मनमानी करता है ओर खुद गलत होते हुए भी पुलीस को हँमेशा आगे करता है लेकिन हमने दरगाह को ले कर आज तक कोई गैरकानुनी काम नहीं किया।

पीराणा दरगाह ट्रस्ट की मनमानी आज तो कामयाब ना हो सकी लेकिन देश में कानुन का राज है यह कच्छी पटेल समुदाय को समझना होगा इमामशाह बाबा पर उनकी अतूट श्रद्दा का यह मतलब नहीं की पैसों के दम पर जो सच है उसे छुपाकर हँमेशा अपनी मनमानी करता रहे। इमामशाह बाबा के वंशजों के पास पुराने सारे कागजात मौजूद है वे हर मामले में कानुन को मद्दे नजर रखते हुअे ही अपना पक्ष रखते है।
