अजमेर : राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 806वें सालाना उर्स बुधवार को नवी के बड़े कुल की रस्म के साथ विधिवत रूप से संपन्न हो गया। इसी के साथ उर्स का झंडा भी उतार लिया गया।
बड़े कुल की रस्म में देश-विदेश से बड़ी संख्या में जायरीन आए थे। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 806 वां उर्स चांद दिखाई देने के बाद धार्मिक दृष्टि से सोमवार को शुरु हुआ था। यहां उर्स के दौरान कव्वाली का खास महत्व है। कव्वाल पार्टिंया सूफी कलाम पढती हैं।
देश के विभिन्न राज्यों, खानकाहों ओर विभिन्न सिलसिले के पीरों-मुरीद उर्स में शरीक होकर महफ़िल खाने में 6 दिन तक होने वाली सूफियाना कव्वाली कार्यक्रम में शिरकत करते है। उर्स का चांद दिखने के बाद आस्ताने के बाहर और खादिमों के हुजरों, मकानों और गेस्ट हाऊसों में कव्वाली की धूम रहती है।