गुजरात के DG आशिष भाटीयानें गैरकानुनी सूदखोरी करनेवालों पर कडी कार्रवाई के आदेश दीये

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अब गुजरात में ब्याजखोरी कर के बनाया हुआ पैसा/जायदाद भी होगा जब्त

गांधीनगर, गुजरात : गुजरात के DG आशिष भाटीया नें राज्य में हो रहे बेरोकटोक गैरकानुनी सूदखोरी के कारोबार को ले कर आज इक महत्वपूर्ण आदेश जारी कीया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि “एसे किस्से हमारे संज्ञान में आये है के जिसमें कुछ लोग जरुरतमंद लोगों को गैरकानुनी तौर पर उँचें दरों से सूद पर पैसे दे कर फिर दीये हुए पैसों का गैरकानुनी तरीके से कई गुना ज्यादा सूद वसुल रहे है। सूद के पैसों की वसुली के लिए धमकी दे कर जबरदस्ती करते है और कई बार देवादार की मिल्कीयत भी ताकत के बूते पर लीखवा लेते है। जिसकी वजह से इस तरह के कई किस्सो में सूद पर पैसे लेनेवालें लोग खुदकुशी करने तक मजबूर हो जाते है। एसी वारदातें रोकने के लिए सूदखोरी के गैरकानुनी कारोबार को रोकना बहुत जरुरी हो गया है।”

DGP आशिष भाटीया ने पुलीस को आदेश दीये है जब कभी सूदखोर कीसीसे बलपूर्वक, प्रताडित कर के पैसे वसुलनें के लिए धमकी दीये जाने की शिकायत मीले तो उसे कन्फर्म करके फौरन ही संबंधित कानुन की प्रक्रिया के तहत मामला दर्ज करें। एसे मामले में गुन्हा दर्ज करने के बाद गुन्हागारों की काम की जगह या उनसे जुडी हुई जगहों पर फौरन सर्च की कार्रवाई कर के जरुरी सबूत जुटाएँ।

DGP ने अपने आदेश में और कहा है कि सूदखोरों की मामला दर्ज होने के बाद फौरन पकड ना हो तो वे अग्रिम जमानत या कोर्ट से जाँच पर स्टे या राहत ले सकते है इस लिए एसे मामलों में बगैर जरुरी देर करे बगैर सबूतों के बीना पर गुन्हागार को पकडा जाए। गुन्हागार अगर भाग जायें तो एसे मामले में LCB/DCB द्वारा खास टीमें बना कर आरोपीओं को ढुँढने की कोशिश हो एसा आयोजन पुलीस करें।

DGP ने निर्देश दीया है कि सूदखोर को पकडनें के बाद उसका पीछला रिकोर्ड चेक कर के पासा कानुन या तडीपारी के कानुन के तहत या फिर CRPC धारा 110(जी) के तहत उसे हिरासत में लीया जाए। अब PASA के नये कानुन में सूदखोरी के गुन्हागारों को शामिल कर लीया गया है इस लिए इसका भी महत्तम प्रयोग कीया जाए।

DGP ने और एक महत्वपूर्ण बात करते हुए कहा है कि ज्यादातर एसे गैरकानुनी तरीके से सूदखोरी करनेवालों नें सूद के धंधे से कई मिल्कीयत भी बसाई होती है इसलिए मनी लोन्डरींग के गुनाह के तहत उनकी संपत्तिको जब्त भी कीया जा सकता है। इस लिए जरुरी जाँच करके सूदखोरों द्वारा बनाई गई प्रोपर्टी को जब्त करने के लिए सीआईडी क्राइम के जरिए ED को भी दरखास्त की जा सकती है।

DGP ने हर पुलीस थानें को आदेश दीया है कि वे अपने इलाके में गुजरात मनी लेन्डर्स एक्ट के तहत शराफ/पैसो का धीरधार और रजिस्ट्रेशन के बगैर सूद पर पैसे देने का काम करने वालें लोगोंके नाम का लीस्ट बनायें और उसको रिकोर्ड पर रखें। फिलहाल जो कानुन है उसके तहत secured लोन पर सालाना 18 फीसद और unsecured लोन पर सालाना 21 फीसद की ब्याज दरें नक्की की गई है अगर पुलीस को इससे ज्यादा सूद वसुलनें की शिकायत मीलें और उस शिकायत में बल/धमकी/प्रताडना का तत्व ना हो तो संबंधित रजिस्ट्रार को लेखित रीपोर्ट करें।

गुजरात के DGP आशिष भाटीयाने सबसे महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि कोई सूदखोर द्वारा दीये हुए पैसों की अवेज में या देवादार के सूद के पैसे ना लौटाने की हालत में जो कोई मिल्कीयत या किंमती जायदाद ताकत के जोर पर ले ली गई हो तो एसी स्थितिमें मनी लोन्डरींग एक्ट 2011 के तहत आनेवाली धारा-20 के मुताबिक इस कानुन के रजिस्ट्रार को फिरसे एसी मिल्कीयत कब्जे कर के उसे फिर देवादार को वापस लौटाने की सत्ता है। इसलिए एसा कोई किस्सा पुलीस के संज्ञान में आये तो वे रजिस्ट्रार के जरिए इस प्रकार की कार्रवाइ करने की कोशीश करें।

आखिर में DGP ने कहा है कि सूदखोरी के गुनाह समाज के लिए बदी की तरह है इस लिए पुलीस एसी शिकायतें और अरजीओं को गंभीरता से ले कर उसके तहत फौरन कानुनी कार्रवाई करे और इस तरह के गुनाहोंमें शामिल मुजरिमों पर निरंतर नजर बनाए रखें और हर लेवल पर होनेवाली क्राइम कोन्फरन्स में भी सूदखोरी के गुनाहों की समीक्षा हो एसी योजना भी बनाई जाये।