गुजरात सरकार ने PASA क़ानून में बदलाव किए;जानें अब कीन लोगों की खैर नहीं

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गाँधीनगर,गुजरात : गुजरात सरकार ने PASA क़ानून में कुछ एसे बदलाव किए है जिसके बाद गुन्हागार को किए हुए गुन्हा के अलावा PASA क़ानून के तहत जेल जाने का डर लगा रहेगा।राज्य के डीजीपी को भेजे पासा की धाराओं के बदलाव निम्न लिखित है।

  • धारा 2(bb) के मुताबिक़ “जुएँ का अड्डा चलानेंवाला कोई भी शख्स, मुंबई जुआँ प्रतिबंध अधिनियम,1987 की धारा-4 के मुताबिक़ खुद या टोली में शामिल लॉग या सरदार की तौर पर इस धारा के तहत सजालायक़ गुन्हा करे या करने की कोशिश करे या करने में मददगार बनें।” तो ऐसे लोगों पर फ़ौरन PASA लगा दी जाएगी जबकी इस से पहले लगातार 3 साल तक कोई जुएँ का अड्डा चलाए तब उस पर पासा लगती थी लेकिन अब उस को बदल दिया हैं।
  • धारा 2(ba) के मुताबिक़ “साइबर गुन्हा करनेवाला शख़्स यानी इन्फ़र्मेशन टेक्नॉलजी, 2000 के चैप्टर 11 के अंदर आनेवाले सजालायक़ गुन्हा करे” तो एसे मामले में भी पासा लगाने को कहा गया है।
  • धारा 2(c) के मुताबिक़ “भयजनक शख़्स” यानी गुंडागर्दी करने वाला खुद या टोली में शामिल हो या खुद सरदार बन कर सार्वजनिक शांति को नुक़सान पहोंचाए, लोगों को जिस्मानी नुक़सान पहोचाए,मिलकत को लगते हुए गुन्हा करे, किसी को धमकी दे, बेआबरु करे या चीढाए तो एसे तमाम लोगों को पासा के अंतर्गत ज़ैलमें धकेलनें को कहा गया है।
  • धारा 2(ga) लोगों को पैसे दे कर व्याज वसूलने वालों की धारा में नये बदलाव के मुताबिक़ अब “पैसे दे कर गुन्हा करनेवाले लोग क़ानून,2011 के चेप्टर 9 के मुताबिक़ गुन्हा करने वाला शख़्स या पैसे देनेवाला या उसका कोई रिश्तेदार किसी भी शख्स को शारीरिक नुक़सान पहुँचा कर पैसे या व्याज वसूलनें की कोशिश करे या कराए या उसके बदलें में जिस को पैसे दिए हो उसकी स्थायी या अस्थायी मिलकत लिखवा लेने का गुन्हा करे एसे तमाम लोगों पर भी पासा लगाने को कहा गया है।
  • धारा 2(ha) के अंतर्गत जातीय छेडछाड करने के गुन्हाओ में भी बदलाव किए गए है।