ढाका, बांग्लादेश : फ्रान्स की एक स्कुल के शिक्षक सेम्युअल पेकी ने अपने स्टुडन्ट्स को हजरत पैगम्बरसाहब का कार्टुन बताया था जिसको ले कर स्कुल के मुस्लीम छात्रों को काफी तकलीफ हुई क्युँकि मुसलमान पैगम्बरसाहब पर होनेवाली इस प्रकार की हरकत को कभी बरदास्त नहीं कर सकते। शिक्षक की इस हरकत के बाद फ्रान्स में बात फैल गई। फ्रान्स के इक 18 साल के मुस्लीम युवा अब्दुल्ला ने उस शिक्षक की पहचान कर के उसे दीनदहाडें चाकु से रोंद डाला और उसका सर भी कलम कर दीया। पुलीस ने मौका ए वारदात पर पहुँच कर अब्दुल्ला पर गोलीयाँ चलाई जिसके बाद उसकी मौत हो गई।

फ्रान्स के प्रमुख मैक्रोन शिक्षक सेम्युअल की अंतिमयात्रा में पहुँचे और वहाँ पहुँच कर कार्टुन बताने वालें की तारीफ कर उसे अभिव्यक्ति की आजादी बताया और पूरी दुनिया में इस्लाम के माननेवालों पर तंज कसे। बस फिर पूरे फ्रान्स में पैगम्बरसाहब के कार्टुन के बडे-बडे पोस्टर लगाये गये और मुसलमानों पर कोमेन्टस की जाने लगी। पैगम्बरसाहब की बेहुरमती पर तुर्की के प्रमुख अर्दोगन खूब भडकें और उन्हों ने अपने देश के लोगों से फ्रान्स की चीजों का बायकॉट करने को कहा और फ्रान्स के प्रमुख मैक्रोन को अपना मानसिक इलाज करने को कहा जिसके बाद पूरा युरोप भी मैक्रोन के समर्थन में उतर आया।

पैगम्बरसाहब की मुहब्बत में अरब के कई देशो में फ्रान्स के प्रोडक्टस का बहिष्कार शुरु हो गया है जिसमें बांग्लादेश, इन्डोनेशिया, इराक और मोरेटानिया प्रमुख है और फ्रान्स ने भी अपने देश के नागरिकों को यहाँ पर सतर्क रहने की चेतावनी दी है। बाँग्लादेश के ढाका शहरमें हजारों लोगों ने मँगलवार को फ्रान्स की एम्बेसी की ओर रेली नीकालकर मैक्रोन के खिलाफ नारेबाजी की और फ्रान्स की तमाम प्रो़डक्टस का बहिष्कार करने को कहा।