बाँग्लादेशकी इक मस्जिदके चारों तरफ बाढका पानी आने के बाद इमामसाहब ने केसे पढाई नमाज ? जानें

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ढाका, बांग्लादेश : मजहबे इस्लाम के कानुन में है कि जहाँ इक बार मस्जिद बन जायें ओर नमाज शुरू हो जायें फिर वो कयामत तक मस्जिद ही रहेगी। दुनिया के सारे मुसलमान इस बात को मानते है। नमाज कीतनी महत्वपूर्ण है ये बताया बाँग्लादेश के इमाम ने जिसके बाद इस्लामी दुनिया में उनको खूब सराहा जा रहा है।

बाँग्लादेश के इक गाँव में 20 दिन पहलें आई भारी बारीश के बाद वहाँ बाढ की स्थिति बन गई ओर स्थानिक मस्जिद इक टापू सी बन गई ओर उसमें पानी भी भर गया। अैसे हालात में मस्जिद के इमामसाहब मोईनुलइस्लाम ने पाँचो वक्त की नमाज को कायम रखा जिसके लिए उन्हें तैर कर या नाँव ले कर मस्जिद जाना पडा। करीब 15 दिनों तक वे मस्जिद तैर कर पहुँचे जो इक बहुत बडी बात है।

बाँग्लादेश की मिडिया को दीये इन्टरव्यू में मौलाना मोईनुलइस्लाम साहब ने बताया कि जब मस्जिद के चारों ओर बाढ का पानी भर गया तो मेंने सोचा कुछ भी हो जाये में मस्जिद में अजान भी दुँगा ओर नमाज भी कायम रखुँगा। इमामसाहब ने कहा कि रात को में ईशां की नमाज से पहले घर से खाने-पीने का कुछ सामान ले कर मस्जिद की छत पर पहुँच जाता जहाँ पानी नहीं आया था। उन्हों ने कहा कि पाँच वक्त की नमाज में चार वक्त की नमाज में वे अकेले ही मस्जिद में होते थे और कभी इक वक्त कोई गाँववालें नाँव में आते थे।